शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

अंदरखाने पाकिस्तान बना रहा है नया परमाणु स्थल

पाकिस्तान नए परमाणु स्थल का निर्माण इस्लामाबाद से 30 किलोमीटर पूर्व कहुटा शहर में कर रहा है। ये ताजा सबूत बताते हैं कि कैसे पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार को बढ़ाने के प्रति आतुर है। उसका एकमात्र लक्ष्य आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होना है। लेकिन यह परमाणु आपूर्तिकर्ता के सिद्धांतों के साथ असंगत है।
28 सितंबर 2015 और एक बार फिर 18 अप्रैल 2016 को एयरबस डिफेंस और स्पेन द्वारा लिए गए उपग्रह चित्रों का इस्तेमाल कर आईएचएस जेन की इंटेलिजेंस रिव्यू ने अपने विश्लेषण में पाया कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में एक नया यूरेनियम संवर्धन कांप्लेक्स स्थापित करने जा रहा है। सनद रहे कि पाकिस्तान ने पहला परमाणु परीक्षण 1998 में किया था और माना जा रहा है कि तब से अब तक उसने 120 परमाणु हथियार विकसित कर लिए हैं, जोकि भारत, इस्राइल और उत्तर कोरिया से ज्यादा है। पाकिस्तान दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता परमाणु भंडारण देश बनता जा रहा है और इसके मद्देनजर वह एक नए यूरेनियम संवर्धन कांप्लेक्स का निर्माण कर सकता है। विशेषज्ञों का यह आंकलन वाणिज्यिक उपग्रह चित्रण के आधार पर है।  कार्नेगी इंडोमेंट फॉर इंटरनेशलन पीस और स्टिमसन सेंटर के विद्वानों द्वारा 2015 में लिखी गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान प्रति वर्ष 20 परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। एक दशक में इतनी बड़ी मात्रा में परमाणु हथियार बनाने वाला वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। 

5 बार हो सकता था भारत पाक के बीच परमाणु युद्ध


पाकिस्तान के एक वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि देश की सेना में बढ़ते कट्टरपंथ की वजह से परमाणु हथियार कट्टरपंथी इस्लामी लोगों के हाथों में जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान कम से कम पांच बारपरमाणु युद्ध के कगार पर पहुंच चुके थे।अपनी किताब ‘कन्फ्रन्टिंग द बम’ के विमोचन के लिए लंदन आए पाकिस्तानी वैज्ञानिक परवेज हुडभोय ने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा और संरक्षा बहुत बड़ी चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि सेना के अंदरूनी ठिकानों पर हुए हमले बताते हैं कि सेना के अंदर कट्टरपंथ बढ़ रहा है और इससे परमाणु हथियारों के कट्टरपंथियों के हाथों में जाने का खतरा है। परमाणु भौतिकी के वैज्ञानिक और रक्षा विश्लेषक हुडभोय ने कहा कि पाकिस्तान के पास भारत की तरह ही करीब 120 से 130 आयुध हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में ऐसे हथियार केवल प्रतिरोधक उपायों के तौर पर देखे जाते थे। लेकिन सबसे खतरनाक बात ऐसे हथियारों की सामग्री की बढ़ती खोज है जिससे परमाणु युद्ध का नया पहलू सामने आ गया है। इसका मतलब है कि हथियारों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वैज्ञानिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान कम से कम पांच बार परमाणु युद्ध के कगार पर पहुंच चुके थे। वर्ष 1987 में, वर्ष 1990 में, करगिल युद्ध (वर्ष 1999) के दौरान, वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद और वर्ष 2008 में मुंबई हमलों के बाद दोनों देश परमाणु युद्ध के बिल्कुल करीब थे। हुडभोय ने कहा कि परमाणु युद्ध के कारण उत्पन्न होने वाले तनाव को देखते हुए हम इस मुद्दे पर यथास्थिति नहीं बने रहने दे सकते। विस्फोट के बाद रेडियोधर्मिता का भयावह असर होता है जिससे न सिर्फ उप महाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया पर ही असर होगा।  परमाणु युग में भारत में इसकी शुरुआत 1974 में हुई जिसके बाद पाकिस्तान ने इसमें प्रवेश किया। वर्ष 1998 में परमाणु परीक्षणों के बाद एक तरह से परमाणु शस्त्रों की होड़ शुरू हो गई।
सोजन्य- भाषा

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